छत्तीसगढ़
CG में अब तक पकड़ी गई 50 हज़ार सांप, ग्रामीण क्षेत्रों में मिले सबसे ज्यादा जहरीले सांप
Shantanu Roy
8 July 2024 4:35 PM GMT
x
छग
Jashpur. जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर को नागलोक कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से रायगढ़ जिले में भी सांपों की संख्या लगातार बढ़ी है। सर्परक्षक टीम के एक आंकड़े के अनुसार पिछले 8 सालों में 50 हजार से ज्यादा सांप का रेस्क्यू किया जा चुका है। इसमें जहरीले और बिना जहर वाले सांप शामिल हैं। बारिश और धूप के कारण शहर के मोहल्लों और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सांप निकल रहे हैं। पिछले 2 महीने में 500 से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू किया गया है। आए दिन रेस्क्यू के लिए सर्प रक्षक टीम के पास काॅल आ रहे हैं। टीम के सदस्य सांपों को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ रहे हैं। सर्परक्षक एंड एनिमल रेस्क्यू टीम में 19 सदस्य हैं। टीम में अलग-अलग क्षेत्र से 12 रेस्क्यूवर हैं। उन्होंने बताया कि हर दिन 15 से 20 काॅल आते हैं।
लेकिन बारिश का मौसम आते आने के बाद यही काॅल संख्या 50 से 70 तक हो जाती है। सर्परक्षक टीम के सदस्यों का यह भी मानना है कि रायगढ़ में 40 से ज्यादा वार्ड हैं इसलिए बाकी जिलों की अपेक्षा ज्यादा रेस्क्यू काॅल आते हैं। शहर के अंदर बिना जहर वाले सांपों की संख्या ज्यादा है। जिसमें धमना सांप (रेट स्नेक), पानी वाला सांप (डोढ़िया), अजगर, घोड़ा करैत (काॅमन वूल्फ बिना जहर का), बेलिया करैत (काॅमन कुकरी बिना जहर का) फोदकी (सेंड बोवा) आदी है। जानकारी के मुताबिक, शहर के बाहरी एरिया में नाग (इंडियन स्पेक्टीकल कोबरा), काॅमन करैत (डंडा करैत), अहिराज (बैंडेड करैत, रना) और रसेल्स वाइपर जैसे जहरीले सांप निकलते हैं। कई बार ऐसा होता है कि सर्परक्षक टीम के व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज या उनके पास रेस्क्यू के लिए काॅल आते हैं, लेकिन वे दूर या दूसरी जगह सांप का रेस्क्यू करने में व्यस्त रहते हैं। जिसके कारण कई रेस्क्यू काॅल छूट भी जाते हैं।
सर्परक्षक टीम के पदाधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले में सांपो की अब तक 26 प्रजातियां देखी गई है। जब ये किसी घर, दुकान या लोगों के रहने की जगह तक पहुंच जाते हैं तो रेक्स्यू के लिए काॅल आते हैं। फिर उन्हें पकड़कर जंगल छोड़ा जाता है। टीम का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में प्रजातियों की संख्या और बढ़ेगी। सर्परक्षक टीम के सदस्य नीरज ने बताया कि सबसे खतरनाक स्वभाव का सांप रसेल्स वाइपर है। यह सांप रायगढ़ जिले में लगभग कई जगह पाया जाता है। उन्होंने बताया कि शहर के नदी नालों के आसपास, भेलवा टिकरा, उर्दना, बड़े रामपुर, इन्दिरा नगर ,सर्किट हाउस, गोर्वधनपुर, रेगड़ा, बोईरदादर, विनोबा नगर, गोपालपुर, लोइंग, महापल्ली, वृन्दावन कालोनी, भगवानपुर में रशल्स वाइपर निकल चुके हैं। सर्परक्षक समिति के अध्यक्ष विनीतेश तिवारी ने बताया कि पिछले 2 माह में लगभग 500 सांप रेस्क्यू हुए हैं। जिनमे ज्यादातर इंडियन स्पेक्टीकल कोबरा, काॅमन करैत, बैंडेड करैत, बड़े साइज के धमना सांप, अजगर, काॅमन वूल्फ, काॅमन कुकरी है। अब बारिश में सांप ज्यादा संख्या में निकलेंगे, क्योंकि जुलाई में जब अंडे से सांप के बच्चे निकलते हैं तो इनकी संख्या और बढ़ जाती है। सर्परक्षक समिति का उपाध्यक्ष जयनारायण खर्रा ने बताया कि सापों को पकड़कर लोगों को उसके बारे में बताया जाता है ताकि लोग भयमुक्त रहे। इसके बाद शहर के करीब के जंगलों में सुरक्षित छोड़ा जा रहा है।
Tagsछत्तीसगढ़ न्यूज हिंदीछत्तीसगढ़ न्यूजछत्तीसगढ़ की खबरछत्तीसगढ़ लेटेस्ट न्यूजछत्तीसगढ़ न्यूज अपडेटchhattisgarh news hindichhattisgarh newschhattisgarh latest newschhattisgarh news updateजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारहिंन्दी समाचारजनताJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperjantasamachar newssamacharHindi news
Shantanu Roy
Next Story